
एक गांव में एक आदमी अपने तोते के साथ रहता था,एक बार जब वह आदमी किसी काम से दूसरे गांवजा रहा था,तो उसके तोते ने उससे कहा – मालिक, जहाँ आप जा रहे हैंवहाँ मेरा गुरु-तोता रहता है. उसके लिए मेरा एक संदेश ले जाएंगे?क्यों नहीं जरूर !
तोते ने कहा मेरा संदेश है-: आजाद हवाओं में सांस लेने वालों के नाम एक बंदी तोते का सलाम ..वह आदमी दूसरे गांव पहुँचा और वहाँ उस गुरु-तोते को अपने प्रिय तोते का संदेश बताया, संदेश सुनकर गुरु- तोता तड़पा, फड़फड़ाया और मर गया ..जब वह आदमी अपना काम समाप्त कर वापस घर आया,तो उस तोते ने पूछा कि क्या उसका संदेश गुरु-तोते तक पहुँच गया था,आदमी ने तोते को पूरी कहानी बताई कि कैसे उसका संदेश सुनकर उसका गुरु तोता तत्काल मर गया था ।
यह बात सुनकर वह तोता भी तड़पा,फड़फड़ाया और मर गया |उस आदमी ने बुझे मन से तोते को पिंजरे से बाहर निकाला और उसका दाह-संस्कार करने के लिए ले जाने लगा,जैसे ही उस आदमी का ध्यान थोड़ा भंग हुआ,वह तोता तुरंत उड़ गया और जाते जाते उसने अपने मालिक को बताया –"मेरे गुरु-तोते ने मुझे संदेश भेजा था कि अगर आजादी चाहते हो तो पहले मरना सीखो" . . . . . . . .बस आज का यही सन्देश कि अगर वास्तव मेंआज़ादी की हवा में साँसलेना चाहते हो तो उसके लिए निर्भय होकर मरना सीख लो . . .
जय जय श्री राम
आप का तिवारी परिवार ,,,,,,,
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