सोमवार, 15 अक्टूबर 2018

फिर का ज्ञान बटना कितना असान है उस

जो #यूपी_बिहार वाले लोग अपने गांव घरों में सुरक्षित बैठकर ये ज्ञान पेल रहे हैं कि...,
“गुजरात से भगाए जानेवाले उत्तर भारतीय बुजदिल हैं...,
मैं होता तो ये कर देता वो कर देता...,उन्हें लड़ना चाहिए”
कुछ लोग तो गुजरातियों को चैलेंज भी दे रहे हैं कि दम है तो यूपी बिहार आके दिखएँ

उन सभी से कुछ बातें कहना चाहता हूँ...,
हमारे बाप दादा यहाँ महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में लड़ने की तैयारी से नहीं आये थे...,बड़ी मशक्कत और परिश्रम के बाद उन लोगों ने यहाँ कदम जमाए...
जिसकी वजह से उनकी अगली पीढियां(मेरे जैसी) यहाँ पढ़लिखकर आसानी से एक वेल सेटेल्ड 9-5 जॉब कर पा रहे हैं...,

और न ही हमने अपने घरों में कोई गड़ासा तलवार कोइता आदि हथियार रखा हुआ है कि... सैकड़ो की भीड़ का मुकाबला कर लेंगे...,हम लोग यहाँ अपने परिवार के साथ रहते हैं...!
और अगर हम लोग इतने ही बड़े लड़ाकू होते तो गांव में भाई पटीदार की लड़ाई से तंग आकर अपना घर नहीं छोड़ते...,
इतने ही बड़े लड़ाकू होते तो जातिवाद की लड़ाई लड़ के खुद यूपी बिहार को सर्वोत्तम बना देते...!

और एक बात बताओ लड़े भी तो किससे लड़ें...उनसे जिन्होंने हमें अपने राज्य में आश्रय दिया...जिनके साथ हमारा रोज का उठना बैठना है...जिनका हम खा रहे हैं...!
या फिर उनसे लड़े जिन्होंने हमें रोजगार दे रखा है...जिस company  में जॉब करता हूँ वो एक गुजराती साहब की ही है...!

दो उदाहरण पेश करता हूँ आपके सामने

आज से दस साल पहले महाराष्ट्र में भी यही स्थिति हुई थी तब बहुत छोटा था मैं लेकिन मुझे अच्छे से याद है...,
स्थिति संभालने के बजाय हमारे यूपी बिहार के नेता बयानबाजी पेलने लगे...,
किसी ने कहा मुंबई किसी के बाप नहीं है
किसी ने कहा हम बम्बई आकर छठ पूजा करूँगा देखता हूँ कौन हमको रोकता है...,
इन बयानबाजी की वजह से मामला और भड़क गया...कई जगहों पर लोग और हिंसक हो गए...!
ये बयान पेलने वाले महान नेतागन वही थे जिन्होंने यूपी बिहार की ऐसी तैसी कर रखी है...!

दूसरा उदाहरण-
एक बार महाराष्ट्र के किसी लोकल नेता ने कहा कि यहाँ से गुजराती व्यापारियों भगा दिया जाएगा...उस समय गुजरात के CM नरेंद्र मोदी थे...उन्होंने एक कुशल नेता का परिचय देते हुए इस बात पर कोई रिऐक्शन ही नहीं दिया...नतीजा ये हुआ कि मामला वहीं खत्म...!

बस ये कहना चाहता हूँ कि तब के जमाने मे सिर्फ टेलीविजन और न्यूजपेपर ही हुआ करते थे...,इसलिए लोगों तक सिर्फ नेताओं की बात पहुँचती थी....!
आज सोशल मीडिया है आम इंसान भी शेयर करे तो दुनिया मे कहीं भी पहुंच सकता है...,तो यहाँ सोशल मीडिया पर बहादुरी दिखाने के बजाए स्थिति को संभालने की कोशिश करें...!
ऐसा कुछ भी न लिखें जिससे मामला बढ़े...और ये चैलेंज देना बंद करें!

14 महीने की बच्ची की जान गई है...,लोगों का आक्रोषित होना स्वाभाविक है...अब देश की परम्परा ही यही रही है आक्रोश शांत करने की...एक व्यक्ति की वजह से सारे समुदाय को झेलना पड़ता ही है...! वैसे भी राज्य भाजपा शाषित है तो वहाँ राजीनतिक षड्यंत्र तो खेला ही जायेगा...!

तीनों राज्य के CM एक दूसरे के सम्पर्क में हैं तीनों जगह सरकार भी एक ही पार्टी की है...प्रशासन पर भरोसा रखें सब कुछ सामान्य हो जाएगा बस थोड़ा समय लगेगा...अफवाहों से बचे और अफवाह फैलाये भी न...!

यदि कोई बात बुरी लगी हो तो छोटा भाई समझकर क्षमा कर दीजिएगा...  एक यूपीवाला....एक मुंबईकर....एक भारतीय

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