पूजा,व्रत उपवास,हवन,मैना सुंदरी, भक्तामर कथा,रामायण, महाभारत।
प्रदूषण रहित वातावरण।
भाग -दौड़ भरी जिंदगी समाप्त।
सादगी भरा सबका जीवन - सब दाल-रोटी खा रहे हैं।
समानता आ गयी है, कोई नौकर नहीं,घर में सब मिल जुलकर काम कर लेते हैं।
न कोई महँगे कपड़े पहन रहा है न कोई आभूषण धारण कर रहा है।
सब 24 घण्टे ईश्वर को ही याद कर रहे हैं।
लोग अपार दान धर्म कर रहे हैं।
सबका अहंकार शान्त हो गया है।
लोग परस्पर सहयोग कर रहे हैं।
सब बच्चे बाहर से आकर माँ बाप के पास रहने लगे हैं।
घर घर भजन कीर्तन हो रहे हैं।
ये सतयुग नहीं तो और क्या है ?
🤷♂️
वातावरण बिल्कुल शांत है ,
पैसे की जरूरत नही
3 टाइम खा रहे है और अगर ऐसा ही रहा तो कपड़ों की जरूरत भी नही रहेगी
पुराने कपड़ों में ही पूरा साल निकल जायेगा....
वातावरण इतना साफ की कार्बन डाइऑक्साइड का नामो निशान नही और साफ ऑक्सीजन ही लेंगे तो बीमार भी नही पड़ेंगे ,
मृत्युदर तो ना के बराबर कोरोना से मरे तो मरे बाकी एक्सीडेंट से कोई नही मरेगा ,
सारे झगड़े फसाद खतम
न कोई प्रेम का चक्कर,
न किसी को किसी पर शक,
न शॉपिंग का चक्कर,
न होटल या मूवी की फरमाइश......
न घूमने जाने की जरूरत....
न नई साड़ी की डिमांड
न ज्वैलरी खरीदने की जिद्द सब कुछ ठीक ही चल रहा है
सही कहते थे लोग की राम राज आयेगा
सच मे रामराज आ गया है...
बीप्र धेनू शूर संत हीत लीन मनुज औतार निज इच्छा निमित्त तन माया गुन गोपाल
जय श्री राम
आप का तिवारी परिवार जय हिंद
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