#दिल्ली_दंगा
क्या मिला लोगो को उन्मादी भीड़ बन के क्या मिला लोगो को एक दूसरे का घर जला के इस देश से ना तो मुस्लिम खत्म होने वाले है ना ही हिन्दू दिल्ली के जिन गलियों में हिन्दू मुस्लिम साथ रहते थे आज एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए ..यकीन करिये ये फिर साथ रहंगे
नेता भड़काऊ बयान दे के अपने घर के हो लिए उनका क्या गया नुकसान तो आम जनता का हुआ है किसी का जवान बेटा चला गया किसी बहन का भाई चला गया किसी बेटे का बाप चला गया किसी का आदमी मारा गया किसी की जिंदगी भर की कमाई दंगो में लूट ली गयी किसी का सपनो का घर पल भर में चकनाचूर हो गया
दंगे शांत होने के बाद सिर्फ बेबसी लाचारी सुखी आँखों में ना टपकते आँसू और अपनों का खोने का गम जिंदगी भर खुद को कोसने का दर्द दीखता है
जिंदगी जीने के लिए धर्म जरुरी है क्या ? अगर जरुरी भी है तो धर्म के लिए दूसरे धर्म के लोगो को मारना काटना उनके घर दुकान जलाना ये भी जरुरी है क्या ?
भारत देश सभी धर्मो को मानने वाला है मगर ये नहीं की अपने धर्म को ऊँचा दूसरे को निचा रखो और धर्म सबका निजी मामला है उसको सड़को बाजारों में क्यों लाते हों
देश संविधान से चलेगा किसी धार्मिक ग्रन्थ से नही
और ये नेता हमको आपको भड़का कर क्या करंगे अगर हम जरा सा अपनी बुद्धि विवेक का प्रयोग करे तो इनके गैर कानूनी बयानबाजी का विरोध करे इनका बायकाट करे आगे से ऐसा होगा ही नही ।
यकीन मानिए अगर आप धर्म से ऊपर सोचने लगे तो इंसानियत आपके अंदर जिन्दा होने लगेगी ।
जय हिंद
आप का तिवारी परिवार
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