
सुप्रभात मित्रों ... ॐ नमः शिवाय!
आज का दिन आप सभी के लिये शुभ हो।
💖भैरव अष्टमी💖
☸ इसी माह दिनांक 19 को भैरव अष्टमी है।
भैरव का नाम सुनते ही मन मे भय व्याप्त हो जाता है , जबकि ऐसा नहीं है ...
भैरव शिव के ही अंश हैं।
☸ माँ सती के अंग जहां जहां गिरे थे वे सभी शक्ति पीठ हो गए , भगवान शिव ने प्रत्येक शक्ति पीठ की रक्षा हेतु एक भैरव नियुक्त किया है।
☸ धर्म ग्रंथों के अनुसार भैरव भी भगवान शंकर के ही अवतार हैं।
भगवान शंकर के इस अवतार से हमे अवगुणों को त्यागना सीखना चाहिए।
☸ भैरव के बारे मे प्रचलित है कि ये अति क्रोधी, तामसिक गुणों वाले तथा मदिरा का सेवन करने वाले हैं।
इस अवतार का मूल उद्देश्य है कि मनुष्य अपने सारे अवगुण जैसे- मदिरापान, तामसिक भोजन, क्रोधी स्वभाव आदि भैरव को समर्पित कर पूर्णत: धर्ममय आचरण करें।
भैरव अवतार से हमे यह भी शिक्षा मिलती है कि हर कार्य सोच विचार कर करना ही ठीक रहता है।
बिना विचारे काम करने से पद व प्रतिष्ठा धूमिल होती है।
☸ शिव महापुराण मे भैरव को भगवान शंकर का पूर्ण रूप बताया है।
इनके अवतार की कथा इस प्रकार है-
एक बार भगवान शंकर की माया से प्रभावित होकर ब्रह्मा व विष्णु स्वयं को श्रेष्ठ मानने लगे।
इस विषय मे जब वेदों से पूछा गया तब उन्होंने शिव को सर्वश्रेष्ठ एवं परमतत्व कहा। किंतु ब्रह्मा व विष्णु ने उनकी बात का खंडन कर दिया।
तभी वहां भगवान शंकर प्रकट हुए।
उन्हें देखकर ब्रह्माजी ने कहा-
चंद्रशेखर तुम मेरे पुत्र हो।
अत: मेरी शरण में आओ।
ब्रह्मा की ऐसी बात सुनकर भगवान शंकर को क्रोध आ गया।
उनके क्रोध से वहां एक तेज-पुंज प्रकट हुआ और उसमे एक पुरुष दिखलाई पड़ा।
भगवान शिव ने उस पुरुषाकृति से कहा-
काल की भांति शोभित होने के कारण तुम साक्षात कालराज हो। तुम से काल भी भयभीत रहेगा, अत: तुम कालभैरव भी हो।
मुक्तिपुरी काशी का आधिपत्य तुमको सर्वदा प्राप्त रहेगा।
उस नगरी के पापियों के शासक भी तुम ही होंगे।
भगवान शंकर से इन वरों को प्राप्त कर कालभैरव ने अपनी अंगुली के नाखून से ब्रह्मा का एक सिर काट दिया।
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भगवान भैरवनाथ को प्रसन्न करने के उपाय-
☸ रविवार, बुधवार या गुरुवार के दिन एक रोटी लें।
इस रोटी पर अपनी तर्जनी और मध्यमा अंगुली से तेल मे डुबोकर लाइन खींचें।
यह रोटी किसी भी दो रंग वाले कुत्ते को खाने को दीजिए।
यदि कुत्ता यह रोटी खा ले तो समझिए आपको भैरव नाथ का आशीर्वाद मिल गया।
यदि कुत्ता रोटी सूंघ कर आगे बढ़ जाए तो इस क्रम को जारी रखें लेकिन सिर्फ हफ्ते के इन्हीं तीन दिनों में (रविवार, बुधवार या गुरुवार)।
यही तीन दिन भैरव नाथ के माने गए हैं।
☸ उड़द के पकौड़े शनिवार की रात को सरसों के तेल मे बनाएं और रात भर उन्हें ढंककर रखें।
सुबह जल्दी उठकर प्रात: 6 से 7 के बीच बिना किसी से कुछ बोले घर से निकले और रास्ते मे मिलने वाले पहले कुत्ते को खिलाएं।
स्मरण रहे , पकौड़े डालने के बाद कुत्ते को पलट कर ना देखें।
यह प्रयोग सिर्फ रविवार के लिए हैं।
☸ शनिवार के दिन शहर के किसी भी ऐसे भैरव नाथ जी का मंदिर खोजें जिन्हें लोगों ने पूजना लगभग छोड़ दिया हो।
रविवार की सुबह सिंदूर, तेल, नारियल, पुए और जलेबी लेकर पहुंच जाएं।
मन लगाकर उनकी पूजन करें।
बाद में 5 से लेकर 7 साल तक के बटुकों यानी लड़कों को चने-चिरौंजी का प्रसाद बांट दें।
साथ लाए जलेबी, नारियल, पुए आदि भी उन्हें बांटे।
अपूज्य भैरव की पूजा से भैरवनाथ विशेष प्रसन्न होते हैं।
☸ प्रति गुरुवार कुत्ते को गुड़ खिलाएं।
☸ रेलवे स्टेशन पर जाकर किसी कोढ़ी, भिखारी को मदिरा की बोतल दान करें।
☸ सवा किलो जलेबी बुधवार के दिन भैरव नाथ को चढ़ाएं और कुत्तों को खिलाएं।
☸ शनिवार के दिन कड़वे तेल मे पापड़, पकौड़े, पुए जैसे विविध पकवान तलें और रविवार को गरीब बस्ती मे जाकर बांट दें।
☸ रविवार या शुक्रवार को किसी भी भैरव मंदिर मे गुलाब, चंदन और गुगल की खुशबूदार 33 अगरबत्ती जलाएं।
☸ पांच नींबू, पांच गुरुवार तक भैरव जी को चढ़ाएं।
☸ सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा 11 रुपए, सवा मीटर काले कपड़े मे पोटली बनाकर भैरव नाथ के मंदिर मे बुधवार के दिन चढ़ाएं।
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भैरव आराधना के लिए इनमे से कोई भी मंत्र ले सकते हैं -
☸ - 'ॐ कालभैरवाय नम:।'
☸ - ॐ भयहरणं च भैरव:।'
☸ - 'ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।'
☸ - 'ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:।'
☸ - 'ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्।'
उपरोक्त मंत्र जप आपके समस्त शत्रुओं का नाश करके उन्हें भी आपके मित्र बना देंगे।
आपके द्वारा सच्चे मन से की गई भैरव आराधना और मंत्र जप से आप स्वयं को जीवन मे संतुष्ट और शांति का अनुभव करेंगे।
भैरव की उपासना से साधक के व्यक्तित्व मे "वीरता" गुण का समावेश होता है।
!! ॐ सुरभ्यै नमः !!
आपका तिवारी परिवार
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