रविवार, 22 मई 2022

कर्मकांड के कुछ इस प्रकार फल है

सूतक का वैज्ञानिक आधार
सूतक काल के बारे में तो सभी जानते होंगे पर यह नहीं जानते होंगे कि इस दौरान की गई क्रियाओं का वैज्ञानिक आधार क्या है। सूतक दो प्रकार का होता है। १-किसी की मृत्यु हो जाने पर परिवार को लगने वाला सूतक
२- संतानोत्पत्ति के बाद मां को लगने वाला सआइए जानते हैं पहले सूतक के बारे में। किसी की मृत्यु हो जाने पर उसके शव को दक्षिण दिशा की ओर पैर रखकर लिटाया जाता है। देखा तो सबने होगा पर नहीं जानते होंगे कि ऐसा क्यों होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि यमराज का स्थान दक्षिणी दिशा में होता है। एक और कारण है।
लगता है। साथ-साथ परिवार को भी लग जाता है। अंतिम संस्कार के बाद वापस लौटने पर साथ गये सभी लोगों को नीम की पत्तियां छिलाई जाती हैं।इसका कारण भी वही है। श्मशान में उड़ते वायरस का असर न पड़े इसलिए सबको नीम की पत्तियां या लाल मिर्च दांतों से कुपटने के लिए दिया जाता है
लगता है। साथ-साथ परिवार को भी लग जाता है। अंतिम संस्कार के बाद वापस लौटने पर साथ गये सभी लोगों को नीम की पत्तियां छिलाई जाती हैं।इसका कारण भी वही है। श्मशान में उड़ते वायरस का असर न पड़े इसलिए सबको नीम की पत्तियां या लाल मिर्च दांतों से कुपटने के लिए दिया जाता है
: इसके बाद शुरू होता है सूतक जिसे आम बोलचाल में शुद्धक कहते हैं। इसमें अग्नि संस्कार करने वाले जिसे दगदिहा कहते हैं को दस दिनों तक बाहर मडहे या बैठका में संन्यासी की तरह रहना पड़ता है।उसका बिस्तर तख्त बर्तन अलग कर दिया जाता है।दिन भर फलाहार रहने के बाद शाम को सूर्यास्त
 कर की गई पूजा अर्चना देवी देवताओं को प्राप्त नहीं होती।
शहरों में समयाभाव और स्थानाभाव के कारण यह संभव नहीं होता पर गांवों में यह क्रिया पूरे विधि-विधान से होती है। महिलाओं को इस सूतक काल में हल्दी मिश्रित दूध हल्दी सोंठ मिश्रित गुड़ खिलाया जाता है। सूखा मेवा आद अन्य पौष्टिक आहार दिया जाता है।
आप का तिवारी  परीवार 
जय राम जी की
जय श्री राम
धन्यवाद मित्रों

शनिवार, 21 मई 2022

हानि लाभ जीवन मरण यश अपयश विधि हाथ

.           प्राथमिकता मुख्य उत्तरदायित्व को दें!
जंगल में एक गर्भवती हिरनी बच्चे को जन्म देने को थी वो एकांत जगह की तलाश में घूम रही थी कि उसे नदी किनारे ऊँची और घनी घास दिखी।उसे वो उपयुक्त स्थान लगा शिशु को जन्म देने के लिये वहां पहुँचते ही उसे प्रसव पीडा शुरू हो गयी।
उसी समय आसमान में घनघोर बादल वर्षा को आतुर हो उठे और बिजली कडकने लगी। 

उसने बायें देखा तो एक शिकारी तीर का निशाना उस की तरफ साध रहा था। *घबराकर वह दाहिने मुड़ी तो वहां एक भूखा शेर, झपटने को तैयार बैठा था। सामने सूखी घास आग पकड चुकी थी और पीछे मुड़ी तो नदी में जल बहुत था।
.           प्राथमिकता मुख्य उत्तरदायित्व को दें!

जंगल में एक गर्भवती हिरनी बच्चे को जन्म देने को थी वो एकांत जगह की तलाश में घूम रही थी कि उसे नदी किनारे ऊँची और घनी घास दिखी।उसे वो उपयुक्त स्थान लगा शिशु को जन्म देने के लिये वहां पहुँचते ही उसे प्रसव पीडा शुरू हो गयी।
उसी समय आसमान में घनघोर बादल वर्षा को आतुर हो उठे और बिजली कडकने लगी। 

उसने बायें देखा तो एक शिकारी तीर का निशाना उस की तरफ साध रहा था। *घबराकर वह दाहिने मुड़ी तो वहां एक भूखा शेर, झपटने को तैयार बैठा था। सामने सूखी घास आग पकड चुकी थी और पीछे मुड़ी तो नदी में जल बहुत था।

मादा हिरनी क्या करती? वह प्रसव पीडा से व्याकुल थी। अब क्या होगा? क्या हिरनी जीवित बचेगी? क्या वो अपने शावक को जन्म दे पायेगी? क्या शावक जीवित रहेगा? 

क्या जंगल की आग सब कुछ जला देगी? क्या मादा हिरनी शिकारी के तीर से बच पायेगी? क्या मादा हिरनी भूखे शेर का भोजन बनेगी?

वो एक तरफ आग से घिरी है और पीछे नदी है। क्या करेगी वो?

हिरनी अपने आप को शून्य में छोड़,अपने प्राथमिक उत्तरदायित्व अपने बच्चे को जन्म देने में लग गयी।
 
कुदरत का करिश्मा देखिये बिजली चमकी और तीर छोडते हुए , शिकारी की आँखे चौंधिया गयी उसका तीर हिरनी के पास से गुजरते शेर की आँख में जा लगा, शेर दहाडता हुआ इधर उधर भागने लगा और शिकारी शेर को घायल ज़ानकर भाग गया घनघोर बारिश शुरू हो गयी और जंगल की आग बुझ गयी हिरनी ने शावक को जन्म दिया।

हमारे जीवन में भी कभी कभी कुछ क्षण ऐसे आते है, जब हम चारो तरफ से समस्याओं से घिरे होते हैं और कोई निर्णय नहीं ले पाते तब सब कुछ नियति के हाथों सौंपकर अपने  उत्तरदायित्व व प्राथमिकता पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। अन्तत: यश- अपयश, हार-जीत, जीवन-मृत्यु का अन्तिम निर्णय ईश्वर करता है। हमें उस पर विश्वास कर उसके निर्णय का सम्मान करना चाहिए।
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जय श्री कृष्णा 🙏🙏
एल
मादा हिरनी क्या करती? वह प्रसव पीडा से व्याकुल थी। अब क्या होगा? क्या हिरनी जीवित बचेगी? क्या वो अपने शावक को जन्म दे पायेगी? क्या शावक जीवित रहेगा? 

क्या जंगल की आग सब कुछ जला देगी? क्या मादा हिरनी शिकारी के तीर से बच पायेगी? क्या मादा हिरनी भूखे शेर का भोजन बनेगी?

वो एक तरफ आग से घिरी है और पीछे नदी है। क्या करेगी वो?

हिरनी अपने आप को शून्य में छोड़,अपने प्राथमिक उत्तरदायित्व अपने बच्चे को जन्म देने में लग गयी।
 
कुदरत का करिश्मा देखिये बिजली चमकी और तीर छोडते हुए , शिकारी की आँखे चौंधिया गयी उसका तीर हिरनी के पास से गुजरते शेर की आँख में जा लगा, शेर दहाडता हुआ इधर उधर भागने लगा और शिकारी शेर को घायल ज़ानकर भाग गया घनघोर बारिश शुरू हो गयी और जंगल की आग बुझ गयी हिरनी ने शावक को जन्म दिया।

हमारे जीवन में भी कभी कभी कुछ क्षण ऐसे आते है, जब हम चारो तरफ से समस्याओं से घिरे होते हैं और कोई निर्णय नहीं ले पाते तब सब कुछ नियति के हाथों सौंपकर अपने  उत्तरदायित्व व प्राथमिकता पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। अन्तत: यश- अपयश, हार-जीत, जीवन-मृत्यु का अन्तिम निर्णय ईश्वर करता है। हमें उस पर विश्वास कर उसके निर्णय का सम्मान करना चाहिए।
   आप का  तिवारी  परीवार
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जय श्री कृष्णा 🙏🙏

दूनीय की येही कहानी है

😥✅ एक बार एक लड़के ने एक सांप पाला , वो सांप से बहुत प्यार करता था उसके साथ ही घर में रहता .. एक बार वो सांप बीमार जैसा हो गया...